गिरा भारतीय रुपये का दाम : डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद ही डॉलर इंडेक्स में बड़ी तेजी देखने को मिली है और सभी भारतीय पर इसका बहुत बड़ा असर पड़ा हे डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट आने से देश की इकोनॉमी में बुरा असर देखने को मिल सकता है और यह सायद सबके लिए बहुत हे दुखद खबर हो सकती हे पहले भारत में लोग इकोनॉमी से परेशान हे और ऊपर से डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद ही डॉलर इंडेक्स में इतना बड़ा बदलाउ दिखने को मिल रहा हे देश का इंपोर्ट बिल बढ़ जाएगा. साथ ही विदेश से आने वाले सामान महंगे हो जाएंगे. जिसकी वजह से देश में महंगाई में भी इजाफा भी देखने को मिल सकता है.
डॉलर के मुकाबले रुपए में बड़ी गिरावट से जुड़े मुख्य बिंदु:
- बंद स्तर: रुपया 22 पैसे गिरकर 84.31 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो इसका लाइफ टाइम लो स्तर है।
- मुख्य कारण: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद डॉलर सूचकांक में तेजी।
- विदेशी पूंजी निकासी: विदेशी पूंजी की सतत निकासी के कारण कारोबारी धारणा प्रभावित हुई।
- डॉलर का मजबूत होना: विदेशों में अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के मजबूत होने से रुपए में गिरावट आई।
रुपए में संभावित गिरावट से जुड़े मुख्य बिंदु:
- आशंका: अमेरिकी डॉलर की मजबूती और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की निकासी के चलते रुपए का नकारात्मक रुख बना रह सकता है।
- समर्थन के कारक: वैश्विक बाजारों में जोखिम उठाने की प्रवृत्ति और जिंस कीमतों में गिरावट से रुपया निचले स्तर पर स्थिर रह सकता है।
- भारतीय रिजर्व बैंक का हस्तक्षेप: RBI द्वारा हस्तक्षेप से रुपए को निचले स्तर पर सहारा मिल सकता है।
- एफओएमसी बैठक: सप्ताह के अंत में होने वाली FOMC बैठक के नतीजों को लेकर निवेशक सतर्क रह सकते हैं।
- अनुमानित हाजिर कीमत: अमेरिकी डॉलर/रुपया हाजिर कीमत का दायरा 84.10 से 84.40 के बीच रहने का अनुमान है।
इस परिदृश्य में डॉलर के मुकाबले रुपया और कमजोर हो सकता है, लेकिन RBI का हस्तक्षेप संभावित स्थिरता ला सकता है।
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ट्रंप की जीत का भारत पर संभावित असर:
- अमेरिका फर्स्ट नीति: ट्रंप की “अमेरिका फर्स्ट” नीति के तहत आयात पर टैरिफ बढ़ने से भारत समेत सभी व्यापारिक साझेदार देशों पर असर पड़ सकता है।
- महंगाई में बढ़ोतरी: डॉलर के मजबूत होने से भारत को महंगाई का दबाव झेलना पड़ सकता है।
- कैपिटल आउटफ्लो: ट्रंप की नीतियों के कारण भारतीय बाजार से पूंजी बाहर जाने की आशंका है।
- प्रवासी नीति का असर: ट्रंप की कठोर प्रवासी नीति से भारत की टेक इंडस्ट्री प्रभावित हो सकती है, जो भारतीय स्किल्ड लेबर पर निर्भर है।
इन नीतियों से भारत की अर्थव्यवस्था और विशेषकर आईटी सेक्टर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।